सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि 25-30 बदमाशों ने धनप्रसाद के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। इन बदमाशों ने उस बेटी के माथे का सिंदूर पोंछ दिया, जिसके हाथों की मेंहदी भी अभी नहीं मिटी थी। इससे दुखद घटना क्या हो सकती है। लेकिन यह पहला मौका नहीं था, इससे पहले 2019 में भी धनप्रसाद से इन्हीं लोगों ने झगड़ा किया था। उस समय भी वे उसे मारना चाहते थे, लेकिन लोगों ने बीच-बचाव कर दिया था। उसी समय अगर प्रशासन चेत जाता, झगड़ा करने वालों को सबक सिखाया होता, तो यह घटना नहीं होती। चौहान ने कहा कि इस घटना के बाद सरकार की यह ड्यूटी थी कि वह धनप्रसाद को जलाने वालों को गिरफ्तार करती, लेकिन वे अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं, इसलिए सरकार ने उन पर हाथ नहीं डाला। पूजा और उसके पति गरीब थे, दलित थे, इसलिए उनकी आवाज नहीं सुनी गई।
धनप्रसाद को क्यों जनरल वार्ड में तड़पने छोड़ दिया?
चौहान ने कहा कि इस सरकार ने धनप्रसाद को आग लगाने वालों पर कार्रवाई तो दूर, उसका इलाज तक नहीं करवाया। लगातार इस घटना को दबाने की कोशिश की गई। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह जवाब देना पड़ेगा कि धनप्रसाद को क्यों बर्न वार्ड में भर्ती नहीं कराया, क्यूं जनरल वार्ड में तड़पने में छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अभी भी सरकार की तरफ से इस घटना को दबाने की कोशिश की जा रही है। लोगों को धमकाया जा रहा है कि आंदोलन में मत जाना, बाहर मत निकलना। सरकार इसी कोशिश में लगी रही कि कैसे धनप्रसाद के अंतिम संस्कार में जाने से रोका जाए, सम्मान से अंतिम संस्कार की बात करने वालों पर एफआईआर की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, कितनों पर एफआईआर करोगे? आज हम यही देखने आए हैं। एक बेटी विधवा हो जाए, उसके पति को जिंदा जला दिया जाए और कमलनाथ चैन से सत्ता के सिंहासन पर बैठे रहें, हम ये होने नहीं देंगे।
दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर जवाब दें मैडम सोनिया, राहुल
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जंगलराज जैसी स्थिति है। शिवपुरी जिले में घर के बाहर शौच कर रहे दो दलित बच्चों को पीट-पीटकर मार डाला गया, मुख्यमंत्री आंखों पर पट्टी बांध कर सो रहे हैं। बुरहानपुर जिले में दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से