इंदौर, 6 अगस्त । मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों सरकारी जांच रिपोर्ट में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही है। जो सरकारी जांच रिपोर्ट मरीज की पाॅजिटिव आती है अगर उसकी प्रायवेट में फिर से जांच की जाए तो वह निगेटिव निकल रही है।
एमजीएम मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर कोरेाना पाॅजिटिव निकले। उन्होंने परिजनों की एहतियातन जांच कराई, जिसमें एक की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। इसके बाद परिवार तनाव में आ गया। सरकारी लैब में पहला सैंपल दिया था। जब प्रायवेट लैब में जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव मिली।
ऐसा ही मामला बिचैली हप्सी का है। एक व्यक्ति ने दो महीने पहले अपनी जांच करवाई थी उसकी रिपोर्ट निगेटिव थी। अचानक उसे कोविड सेंटर से फोन गया कि आपकी रिपोर्ट पाॅजिटिव है और क्वारेंटीन सेंटर भेजना है। उसने घबराकर एसडीएम को फोन किया और बताया कि दो महीने पहले रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है तो अब पाॅजिटिव क्यों बताया जा रहा है। एसडीएम ने जांच की तो पता चला कि जिस पोर्टल पर निगेटिव और पाॅजिटिव मरीजों की एंट्री होती है उसी व्यक्ति के नाम से मिलता-जुलता एक मरीज पाॅजिटिव मिला था। ठीक से रिपोर्ट नहीं देखी और न ही पता देखा जो दो महीने पहले निगेटिव आया था, उसे पाॅजिटिव बताकर सूचना कोविड सेंटर पर दे दी। पहले भी कुछ मरीजों की रिपोर्ट में गड़बड़ हो चुकी है। इन जांचों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि रिपोर्ट सही नहीं आ रही है।