मध्यप्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को लगाने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम को सशक्त किया जायेगा और जिला उद्योग के महाप्रबंधक पूरा कोर्डिनेशन कर सभी विभागों से एनओसी जारी करायेंगे। उन्होंने कहा कि जितने भी उद्यमियों के कैपीटल सब्सिडी के प्रकरण हैं, अक्टूबर 2020 तक सभी के कैपीटल सब्सिडी रिलीज कर देंगे। सरकार ऐसा सिस्टम बना रही है कि उद्यमी को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
वेबिनार के माध्यम से 6 अगस्त को ग्वालियर अंचल के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि एमएसएसई में आप सबसे फीडबेक लेने के बाद हम पॉलिसी बना रहे हैं जो कि अगस्त में आपके समक्ष आ जायेगी। कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने मंत्री मध्यप्रदेश श्री सकलेचा से कहा कि प्रदेश में हम स्वावलंबन की दिशा में कार्य करने के लिए यह आवश्यक है कि जिला उद्योग और व्यापार केन्द्र के साथ कैट मुद्रा लोन शिविर लगा रही है, उसका बेहतर कोर्डिनेशन होना चाहिए। बिना गारंटी वाला लोन यदि महिला उद्यमियों को मिलेगा तो उन्हें स्वावलंबन की दिशा में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। जैन ने कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला व्यापार समन्वय समिति के अन्य जिलों में भी गठित करने की बात कही एवं जिला स्तर की समस्या उसमें निपटाई जायें। इसकी मॉनीटरिंग विभाग द्वारा होना चाहिए।
एमएसएमई एसोसिएशन मालनपुर के अध्यक्ष यादवेन्द्र प्रताप सिंह परिहार ने कहा कि मालनपुर की इकाईयां बहुत संकट के दौर में हैं। लगभग 50 प्रतिशत इकाइयां बंद होने के कगार पर हैं। इसलिए मध्यप्रदेश शासन कोई आर्थिक पैकेज घोषित करे, जिससे हम सर्वाइब कर सकें। ग्वालियर चम्बल डिविजन स्टोन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री के.के. मित्तल ने स्टोन पार्क का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि स्टोन इंडस्ट्रीज इस समय सबसे ज्यादा संकट में है। उसे रॉ-मटेरियल नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मंत्री से कहा कि इस तरह की वेबिनार 3 महीने में एक बार होना चाहिए।
उद्योगपतियों ने कहा कि हमें स्टाम्प ड्यूटी में रिलीफ मिलना चाहिए, वेट रिफंड जल्दी होना चाहिए। उन्होंने बहुत आग्रह के साथ कहा कि औद्योगिक परिसरों पर संपत्ति कर और कचरा शुल्क नहीं लगना चाहिए, क्योेंकि वह कुछ भी सेवा नहीं करते हैं, तो हम किस बात का टैक्स दें।
अर्चना भटनाकर ने कहा कि महिला उद्यमियों के लिए एक अलग से फैसिलिटेशन सेन्टर बनना चाहिए, जिसमें 1500 फुट के प्लॉट बनाकर महिला उद्यमियों को दिये जायें एवं उनके उत्पादों का एक सशक्त मार्केट सिस्टम बनाया जाना चाहिए। उद्यमियों ने कहा कि हमारी भूमि को फ्री होल्ड किया जाये, लैण्ड यूज का परिवर्तन किया जाये। छोटे उद्योग जो कि बंद होने के कगार पर हैं उनके लिए एग्जिट पॉलिसी बनायें जैसी अनेक चीजों पर उद्योगपतियों ने अपनी बात रखी। उद्योगपति एवं व्यापारियों ने इस वेबिनार में अपनी बात रखी। वेबिनार में प्रमुख सचिव एमएसएमई श्रीमती दीपाली रस्तोगी, संचालक एमएसएमई भास्कर लक्ष्यकार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।